Love shayari || RuBaRu Milne Ka Mauka Milta Nahin Hai Roj
Love shayari || RuBaRu Milne Ka Mauka Milta Nahin Hai Roj
''RuBaRu Milne Ka Mauka Milta Nahin Hai Roj
Isliye Lafzon Se Tum Ko Chhu Liya Maine.''
Love shayari || RuBaRu Milne Ka Mauka Milta Nahin Hai Roj
''रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज
इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।''
"रूबरू मिलने का मौका हर रोज़ नहीं मिलता,
इसलिए लफ़्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।"
"हर रोज़ सामने आने का मौका नहीं होता,
इसलिए लफ़्ज़ों में तुमको छूने की कोशिश की मैंने।"
"रूबा-रूबा मिलने का अवसर रोज़ नहीं आता,
इसलिए लफ्ज़ों के माध्यम से तुम्हें छू लिया मैंने।"
"रोज़ मिलने की सूरत तो नहीं बनती,
इसलिए लफ़्ज़ों से तुमको दिल से छू लिया मैंने।"
"रूबरू हो पाने का मौका हर दिन नहीं आता,
इसलिए लफ्ज़ों से तुम्हें छूकर दिल को सुकून दिया मैंने।"
"हर दिन मुलाकात का मौका नहीं मिल पाता,
इसलिए लफ़्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने, प्यार से।"
"रूबरू होने की सुविधा हर रोज़ नहीं होती,
इसलिए लफ़्ज़ों के जरीये तुमको छू लिया मैंने।"
"रोज़ मिलने का मौका नहीं मिलता मुझे,
इसलिए लफ़्ज़ों से तुम्हें छूने का हक अदा किया मैंने।"
"रूबरू मिलना रोज़ की बात नहीं होती,
इसलिए लफ़्ज़ों से तुम्हें छूकर दिल को सुकून दिया मैंने।"
"रोज़ मुलाकात का मौका नहीं मिल पाता,
इसलिए लफ़्ज़ों के माध्यम से तुमको छू लिया मैंने।"