अकड़ तो सभी में होती है, लेकिन झुकता वही है, जिसको रिश्तों की कद्र होती है।
अकड़ तो सभी में होती है
लेकिन झुकता वही है
जिसको रिश्तों की कद्र होती है।
अकड़ तो सभी में होती है,
लेकिन झुकता वही है
जिसे रिश्तों की कद्र होती है।
हर किसी में अकड़ होती है,
पर झुकता वही है
जिसे रिश्तों की अहमियत समझ आती है।
अकड़ तो हर किसी में होती है,
झुकता वही है
जो रिश्तों को सच्चे दिल से मानता है।
अकड़ सभी के अंदर होती है,
लेकिन झुकता वही है
जिसे रिश्तों की कीमत पता होती है।
अकड़ सभी में देखने को मिलती है,
झुकना वही सीखता है
जो रिश्तों की महत्वता समझता है।
अकड़ सबके स्वभाव में होती है,
झुकता वही है
जो रिश्तों को सही मायनों में समझता है।
हर व्यक्ति में अकड़ होती है,
पर झुकना केवल वही जानता है
जो रिश्तों की कद्र करता है।
अकड़ तो सभी में होती है,
झुकना वही है
जो रिश्तों को सच में महत्व देता है।
अकड़ का होना सामान्य है,
झुकना वही जानता है
जो रिश्तों की मोल्यता समझता है।
अकड़ सबके दिल में होती है,
झुकता वही है
जो रिश्तों के महत्व को पहचानता है।