Good thought for the day खुलने लगा है शहर आओ किसी नुक्कड पर मुलाकात करेगे
खुलने लगा है शहर आओ
किसी नुक्कड पर मुलाकात करेगें
मोबाइल घर पर रख कर आना
हम ढेर सारी बातें करेगें
शहर खुलने लगा है,
आइए किसी नुक्कड़ पर मिलते हैं,
मोबाइल घर पर छोड़कर चलिए,
ढेर सारी बातें करेंगे।
शहर की रौनक लौट आई है,
चलिए किसी नुक्कड़ पर मुलाकात करते हैं,
फोन को घर पर छोड़कर,
दिल खोलकर बातें करेंगे।
शहर की नई सुबह पर,
कहीं नुक्कड़ पर मिलते हैं,
मोबाइल को अलविदा कहें,
और ढेर सारी बातें करें।
अब शहर में रौनक है,
आओ किसी नुक्कड़ पर मिलें,
फोन को छोड़कर,
बिना किसी बाधा के दिल से बातें करें।
शहर के हसीन कोनों में,
कहीं नुक्कड़ पर मिलते हैं,
मोबाइल को घर पर छोड़कर,
दिल की गहराइयों से बातें करेंगे।
शहर का माहौल बदल गया है,
चलिए किसी नुक्कड़ पर मिलते हैं,
फोन को आराम देते हुए,
ढेर सारी बातें करते हैं।
शहर के नए रंग में,
कहीं नुक्कड़ पर मुलाकात करते हैं,
मोबाइल को छोड़कर,
बिना किसी व्यवधान के बातें करेंगे।
शहर की धड़कनों के बीच,
किसी नुक्कड़ पर मुलाकात करते हैं,
फोन को घर पर छोड़कर,
खुलकर बातें करेंगे।
शहर की चहल-पहल में,
चलिए किसी नुक्कड़ पर मिलते हैं,
फोन की दुनिया से दूर,
बिना रुके ढेर सारी बातें करते हैं।
शहर की गलियों में,
कहीं नुक्कड़ पर मुलाकात करते हैं,
मोबाइल को अलविदा कहते हुए,
दिल खोलकर बातें करेंगे।