Rani Durgavati Quote In Hindi || रानी दुर्गावती कोट्स इन हिंदी

रानी दुर्गावती 1550 से 1564 तक गोंडवाना की शासक रानी थीं। उनका जन्म कालिंजर के किले में चंदेल राजा कीरत राय के परिवार में हुआ था। रानी दुर्गावती की उपलब्धियों ने साहस और संरक्षण की उनकी पैतृक परंपरा की महिमा को और बढ़ा दिया।
रानी दुर्गावती, मध्यकालीन भारतीय इतिहास में एक महान नाम है। वह गोंड राजवंश की रानी थी और उनका जन्म सन् 1524 में हुआ था। रानी दुर्गावती के पति राजा दलवीर सिंह थे, जो कि कांचीघोट का राजा था। उनके पति की मृत्यु के बाद, रानी दुर्गावती ने अपने पुत्र के लिए गोंडवान की सुरक्षा और समृद्धि के लिए संघर्ष किया। वह एक साहसी और न्यायप्रिय शासक थीं, जिन्होंने अपने जीवन में अपने लोगों की सेवा की। रानी दुर्गावती ने अकबर के साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई भी की, लेकिन अंततः 1564 में उनकी शहादत हो गई जब वे अपने सैन्य के साथ अकबर के सामने लड़ रही थीं। रानी दुर्गावती का योगदान भारतीय इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और उन्हें भारतीय इतिहास की महान नारियों में गिना जाता है।
जन्म: 5 अक्टूबर 1524, कालिंजर किला
मृत्यु: 24 जून 1564, जबलपुर
जीवनसाथी: दलपत शाह (डी. 1542-1550)
माता-पिता: कीरत राय
बच्चे: वीर नारायण
भाई-बहन: कमलावती
Rani Durgavati 1545 ई. में एक पुत्र को जन्म दिया। जिसका नाम वीर नारायण रखा गया। 1542 में, उनका विवाह गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र दलपत शाह से हुआ था।1550 में दलपत शाह की मृत्यु हो गई और वीर नारायण की कम उम्र के कारण, दुर्गावती ने गोंड राज्य की बागडोर संभाली।
वर्ष 1983 में मध्य प्रदेश सरकार ने उनकी स्मृति में जबलपुर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कर दिया। भारत सरकार ने 24 जून 1988 को उनकी मृत्यु के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट जारी किया। जबलपुर जंक्शन और जम्मूतवी के बीच ट्रेन को रानी के नाम पर दुर्गावती एक्सप्रेस (11449/11450) के नाम से जाना जाता है।
चन्देलों की बेटी थी
गौंडवाने की रानी थी
चण्डी थी रणचण्डी थी
वह दुर्गावती भवानी थी
शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति
महान वीरांगना
रानी दुर्गावती केबलिदान दिवस
पर कोटि-कोटि नमन
मुगल अकबर सेना को तीन बार युद्ध में
अकेले ही हराने वाली वीर,
साहसी और त्याग की प्रतिमूर्ति
वीरांगना रानी दुर्गावती
के बलिदान दिवस पर शत-शत नमन
चन्देलों की बेटी थी,
गौंडवाने की रानी थी
चण्डी थी रणचण्डी थी,
वह दुर्गावती भवानी थी
महान वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।
वह तीर थी,तलवार थी
भालों और तोपों का वार थी
फुफकार थी, हुंकार थी
शत्रु का संहार थी
रानी दुर्गावती
महान वीरांगना रानी
दुर्गावती की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।
अमर बलिदानी वीरांगना
गोंडवाना की शासिका
रानी दुर्गावती जी
के बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन
मुग़लों को भी युद्ध के मैदान से खदेड़
देने वाली वीरांगना और साहस की देवी
रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।
कलंकित जीवन जीने की अपेक्षा शान से मर जाना अच्छा है”
मुग़ल शासकों को पराजित करने वाली
महान वीरांगना रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन
नारी शक्ति की प्रतीक, महान वीरांगना रानी दुर्गावती
की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।
गोंडवाना की शासक, भारतीय इतिहास की सर्वाधिक प्रसिद्ध
रानियों में शुमार वीरांगना रानी दुर्गावती जी को बलिदान
दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि ।
मध्यप्रदेश के गौरव को अपने अदम्य साहस,
शौर्य और पराक्रम
से बढ़ाने वाली महान विरांगना रानी दुर्गावती जी
की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
करोड़ों महिलाओं की प्रेरणा,
महान देशभक्त
वीरांगना रानी दुर्गावती जी
की पुण्यतिथि भावपूर्ण श्रंद्धाजलि।
वीरता और साहस
ही जीवन के मूलमंत्र हैं।"
"सत्य, न्याय और धर्म का पालन हमारी
शक्ति का आधार है।"
"स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना महत्वपूर्ण है
यह हमारे अधिकार की रक्षा करता है।"
"कभी भी साहस खोने की इजाजत मत देना
यह हमारी असली पहचान है।"
"शूरवीरता और समर्पण ही असली
विजय की कुंजी हैं।"
"धैर्य और समर्पण से कोई भी मुश्किल
हाल हो सकती है।"
"परिश्रम और समर्पण से हम किसी भी मुश्किल
को पार कर सकते हैं।"
"योद्धा वह होता है जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के
लिए हर मुश्किल का सामना करता है।"
"शक्ति और निष्ठा के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त
किया जा सकता है।"
"समर्पण से कुछ भी संभव है,
यही वह ताकत है
जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।"
"संघर्ष में जीत हासिल करने का
असली आनंद होता है।"
"सच्चे इरादे से कोई भी लक्ष्य हासिल
किया जा सकता है।"
"समय का मूल्य समझना और उसका सदुपयोग
करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
"कभी भी हार न मानो,
संघर्ष जारी रखो।"
"संघर्ष ही सच्चे योद्धा
का पहचान है।"
"समर्पण और समाज के प्रति जिम्मेदारी ही
सच्चे नेता की पहचान है।"
"सच्चे वीर कभी भी पीछे
हटते नहीं।"
"धैर्य और साहस से कोई भी परिस्थिति का
सामना किया जा सकता है।"
"संघर्ष का संघर्ष ही सच्ची उपलब्धि का
मार्गदर्शक होता है।"
"जीवन का मूल्य समझकर, समर्पण से
उसका समापन करें।
शिखरो से ऊंची जिसकी नभ में छूती ख्याति थी
वह कोई और नही रानी दुर्गावती करामाती थी
जिसके स्वाभिमान को कोई नही पा पाया था
अंत समय तक उसने मुगलो को मार गिराया था
चंदेलों की बेटी ने नारी का गौरव और मान बढ़ाया था
जब आशफ खान को उसने नाको चना चबवाया था
ऐसी वीरांगना छत्राणी को 'नरेश' का शत शत वंदन है
बरेला की वह धरा महकाती ऐसा बहुमूल्य चंदन है