मार्मिक शायरी || Touching Shayari
"तुम्हे देख कर मेरी पलकें
झपकना भुल जाती हैं
इससे नाज़ुक और ऋजु सबूत क्या दू
मोहब्बत का तुम्हें"
"और जब किसी बीमार को मृत्यु
से प्रेम हो जाता है
तो वह सबसे पहले दवाइयां
लेना छोड़ देता है।"
"दर्द हुआ भी है तो कैसे बताऊं
टूट हुए दिल को कैसे सुनहरी में सजाऊं
तमाशा बना दिया तुमने ज़िन्दगी का
अब ये मार्मिक किरदार कैसे निभाऊं"
मार्मिक शायरी || Touching Shayari
"ख़ुदा को जाना है
और उसकी ख़ुदाई भी
कितनी ईमानदारी से करता है
वो बेईमानी भी
जिसे हम हैरानी से देखा करते हैं
कुछ लोग, रोज़ उनसे गुज़रा करते हैं।"
"अरब-खरब धन जोड़िये
करिये लाख फरेब
इसे रखोग़े तुम कहाँ
नही कफन मे जेब"
"कुछ लोगोंको चाटने की
ऐसी आदत लगी होती है
कि उनके जबान को
ईमानदारी का स्वाद भी
कड़वा लगता है।"
मार्मिक शायरी || Touching Shayari
इस जहां को छोड़कर
किसी और जहां मैं चलते हैं
नफरत सी फैल गई है यहां अपनों में
चलो कहीं औरों में मोहब्बत ढूंढते हैं
अमीरी-गरीबी
तो किस्मत का खेल है साहब
हम गरीबी जरूर हैं
मगर गैर-जिम्मेदार नहीं
ठंड में इंतजार एक सवारी का था
और मसला दो रोटी का
मौत ने दोनों ही सवाल ख़त्म कर दिए
ख़ुदा को जाना है
और उसकी ख़ुदाई भी
कितनी ईमानदारी से करता है वो बेईमानी भी
जिसे हम हैरानी से देखा करते हैं
कुछ लोग, रोज़ उनसे गुज़रा करते हैं।
अरब-खरब धन जोड़िये
करिये लाख फरेब
इसे रखोग़े तुम कहाँ
नही कफन मे जेब
वो क्षण बहुत ही मार्मिक होता है,
जब कोई अपना हमें कहें कि मैं तुम्हारे साथ हूं
डरने की कोई बात नहीं है
सच में
मां से सुंदर इस धरती पे कोई बोल नहीं है
मुझे तो हर जनम में इसका ऋणी रहना है
अपने मुख से तुझे बार बार मां कहना है