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Daily thought for the day || चुप थे तो चल रही थी ज़िँदगी लाज़वाब, ख़ामोशियाँ बोलने लगीं..

 चुप थे तो चल रही थी ज़िँदगी लाज़वाब, ख़ामोशियाँ बोलने लगीं.. तो बवाल हो गया

"Daily thought for the day"




चुप थे तो चल रही थी ज़िँदगी लाज़वाब
 ख़ामोशियाँ बोलने लगीं.. तो बवाल हो गया

चुप रहने से ज़िंदगी थी बेहतरीन,
लेकिन ख़ामोशियों की आवाज़ ने मचा दिया बवाल।

जब तक चुप थे, सब कुछ शांति से चल रहा था,
ख़ामोशियाँ बोल उठीं, और बवाल खड़ा हो गया।

चुप्पी में ज़िंदगी थी सुकून भरी,
पर जैसे ही ख़ामोशियाँ बोलीं, हो गया हंगामा।

साइलेंस में ज़िंदगी थी लाजवाब,
लेकिन ख़ामोशियाँ बोल पड़ीं, और सब कुछ हिल गया।

चुप रहकर ज़िंदगी ने सुकून भरी राह पकड़ी,
ख़ामोशियों के बोलने से हलचल मच गई।

चुप्पी की दुआ से ज़िंदगी रही बेहतरीन,
मगर ख़ामोशियाँ बोल पड़ीं, तो हो गया बवाल।

जब तक चुप थे, सब कुछ ठिक था,
ख़ामोशियाँ जब बोलीं, तब हंगामा खड़ा हो गया।

चुप रहने से ज़िंदगी बनी रही मस्त,
लेकिन ख़ामोशियाँ बोल पड़ीं, और बवाल हो गया।

साइलेंस में ज़िंदगी के दिन थे हसीन,
ख़ामोशियों की आवाज़ से मचा हर तरफ बवाल।

चुप रहने पर सब ठीक था,
ख़ामोशियाँ जैसे ही बोलीं, बवाल शुरू हो गया।