Sardar Vallabhbhai Patel Quotes in Hindi || सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार
जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है
इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है।
विश्वास और शक्ति,
दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है,
जो कई बाधाओं के बावजूद
हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
अविश्वास भय का कारण है।
स्वार्थ के हेतु राजद्रोह
करने वालों से नरककुंड भरा है।
सेवा-धर्म बहुत कठिन है
यह तो काँटों की सेज पर सोने के समान ही है।
मेरी एक ही इच्छा है
कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और
इस देश में कोई अन्न के
लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।
एकता के बिना जनशक्ति,
शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक ढंग से सामंजस्य
में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए,
और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
सेवा करनेवाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए,
वर्दी पहन कर अभिमान नहीं,
विनम्रता आनी चाहिए।
हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर
नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है,
पर राष्ट्र की प्रगति को
तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
हम कभी हिंसा न करें,
किसी को कष्ट न दें और
इसी उद्देश्य से हिंसा के विरूद्ध गांधीजी ने अहिंसा का हथियार
आजमा कर संसार को चकित कर दिया।
कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं
बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं।
जीवन में सब कुछ
एक दिन में नहीं हो जाता है।
सत्य के मार्ग पर चलने हेतु बुरे का त्याग अवश्यक है,
चरित्र का सुधार आवश्यक है।
सच्चे त्याग और आत्मशुद्धि के बिना स्वराज नहीं आएगा आलसी,
ऐश-आराम में लिप्त के लिए स्वराज कहाँ!
आत्मबल के आधार पर खड़े रहने को ही स्वराज कहते हैं।
संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है
मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे जो काम प्रेम,
शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
उतावले उत्साह से बड़ा
परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।
हमें अपमान सहना सीखना चाहिए।
हर इंसान सम्मान के योग्य है,
जितना उसे ऊपर सम्मान चाहिए
उतना ही उसे नीचे गिरने का डर नहीं होना चाहिए।
शारीरिक और मानसिक शिक्षा साथ –साथ दी जाये,
ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए
शिक्षा इसी हो जो छात्र के मन का, शरीर का
और आत्मा का विकास करे।
वह इन्सान कभी सुख प्राप्त नहीं
कर सकता जिसने कभी किसी संत को दुःख पहुंचाया हो।
मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते
अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
चर्चिल से कहो कि भारत को बचाने से
पहले इंग्लैंड को बचाए।
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है
इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये
और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये
बोलने में मर्यादा मत छोड़ना,
गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
भगवान के आगे झुको किसी दुसरे के आगे नहीं,
हमारा सिर कभी भी झुकने वाला नहीं होना चाहिए।
बहुत बोलने से कोई फायदा
नहीं होता बल्कि नुकसान ही होता है।
राणियों के इस शरीर की रक्षा का
दायित्व बहुत-कुछ हमारे मन पर भी निर्भर करता है।
शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाये
पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम दे सकता है।
प्रत्येक मनुष्य में प्रकृति ने चेतना का अंश रख दिया है
जिसका विकास करके मनुष्य उन्नति कर सकता है।
त्याग के मूल्य का तभी पता चलता है,
जब अपनी कोई मूल्यवान वस्तु छोडनी पडती है
जिसने कभी त्याग नहीं किया,
वह इसका मूल्य क्या जाने।
थका हुआ इंसान दौड़ने लगे
तो स्थान पर पहुँचने के बजाय जान गंवा बेठता है,
ऐसे समय पर आराम करना और आगे बढ़ने की
ताकत जुटाना उसका धर्म हो जाता है।