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Aandhi Quotes in Hindi || Tufan Shayari Status Quotes in Hindi

 Aandhi Quotes in Hindi || Tufan Shayari Status Quotes in Hindi

Aandhi Quotes in Hindi || Tufan Shayari Status Quotes in Hindi



इसे तूफ़ान ही 
किनारे से लगा सकता है
मेरी कश्ती किसी पतवार की 
मोहताज नहीं



जिस हिसाब से 
हवा उनके गालों को छूती है
यकीं नही आता 
इसने हज़ारों घर उड़ाये होंगे।



आंधियां तू मुझे कुबुल हैं
तेरी ठोकरों से बने इन्सान
आज भी मशहूर हैं




जज्बातों की आंधी चली
सच की डायरी पर
झूठ के पन्ने लौटे


मैं तो टूटा हूँ अपनी 
ख़ुद की गलतियों के वज़ह से 
वरना इन आँधी -तूफानों की 
इतनी कहाँ औकात
कि यह एक 
पहाड़ को हिला भी सकें 



बह जाते हैं इन आंधियों में
तुम्हारी यादों का सहारा लेकर
व्याकुल मन को इन्हें 
छूने की एक तलब सी रहती है।



कोई तो मोहब्बत की आंधी चलाओ यारों
जो जिसकी है उससे मिलाओ यारों


जिंदगी में थोड़ी उलझने क्या बढ़ी 
लोग कहने लगे जमाना ख़राब है 
इंसानो की बनावट तो आज भी वही है 
बस सोचने का तरीका ख़राब है 
वो जमाना ही बता दो जिसमें आंधियो 
ने लिया ना इम्तिहान-ऐ-चिराग है 



हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का
कैसे बना था घोसला वो तूफ़ान क्या जाने 



जैसे इक तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी
आज मिरी बस्ती में ऐसा सन्नाटा है

-आनिस मुईन



सर पे तूफ़ाँ ने उठाया है उसे
जिस ने साहिल से किनारा कर लिया


प्यार के दो हसीन पल बीत गए
अब दर्द की आंधी आनी है।




मोहब्बत की आंधी में बह जाओगे
मोहब्बत ना करना बेमौत मर जाओगे



मछुआरे को पता होता है 
कि जितना खतरनाक समंदर है
उतनी ही भयानक आंधी भी
लेकिन यह खतरे
 उनको कभी किनारे पर बैठे रहने के
 लिए मजबूर नहीं करते

Aandhi Quotes in Hindi || Tufan Shayari Status Quotes in Hindi


आँधी
क़ुदरत की हो
या
हो वक़्त की 
तबाह इंसान ही होता हैं


ऐ इश्क
बड़ा गुमान था अपने आप पर तुझे
एक शक आंधी चली 
और तू नेस्तनाबूद हो गया।



यादों के उड़ने से जो,
खुश होते हैं, अपनी
ही पहचान खो
देते हैं



कल रात की आंधी से मेरे गांव में 
कुछ शजर गिरा है 
मगर अफ़सोस ना जाने कितने 
परिन्दों का घर गिरा है 
उड़ गया जिनके घर का छप्पर 
आंधी के कहर से 
उनसे ना पूछ लेना की रात 
कैसे गुजरा हैं



जान छुड़ाना यादों से
पलायनवादी नीति है
क्यों डरे यादों से
सिखाती ये बहुत कुछ है




लम्हों की घुटन, ख़ौफ़ का तूफ़ान बहुत है 
मेरी ही तरह वक़्त परेशान बहुत है 




वो नहीं देखते साहिल की तरफ़
जिन को तूफ़ान सदा देता है




ख़ामोश गिराँ-बार फ़ज़ाओं में घुटन सी
ये तो किसी तूफ़ान की ललकार लगे है