Love Shayari || Us Shakhs Ko Bichhadne Ka Tareeka Nahi Aata
Love Shayari || Us Shakhs Ko Bichhadne Ka Tareeka Nahi Aata
Love Shayari || Us Shakhs Ko Bichhadne Ka Tareeka Nahi Aata
''उस शख्स को बिछड़ने का सलीका नहीं आता
जाते जाते खुद को मेरे पास छोड़ गया।''
Love Shayari || Us Shakhs Ko Bichhadne Ka Tareeka Nahi Aata
''Us Shakhs Ko Bichhadne Ka Tareeka Nahi Aata
Jaate Jaate Khud Ko Mere Paas Chhod Gaya''
"वो शख्स भी कितना अजीब था
जाते-जाते भी मुझे खुद में ही छोड़ गया।"
"हमसे बिछड़ कर भी वो हर वक्त साथ रहा
दिल की हर धड़कन में उसका ही नाम रहा।"
"जाते-जाते वो अपना एहसास छोड़ गया
बिछड़ कर भी वो मुझमें अपना प्यार छोड़ गया।"
"बिछड़ते वक्त उसने मुस्कुरा कर कहा
यादें तुम्हारी हैं, रख लेना संभाल कर।"
"जुदा होकर भी वो मेरी रूह में समाया है
जाते-जाते वो मुझे खुद में समेट गया।"
"वो जो चला गया, मगर दिल में बस गया
उसकी यादों का हर कतरा, मेरे साथ रह गया।"
"बिछड़ कर भी वो दिल से जुदा नहीं हुआ
जाते-जाते वो अपनी यादों को छोड़ गया।"
"उसकी जुदाई भी कुछ यूं खास रही
जाते-जाते वो मुझमें हमेशा के लिए बस गया।"
"बिछड़ने का उसे सलीका नहीं आया
जाते-जाते खुद को मेरे दिल में छोड़ गया।"
"वो गया तो सही, पर अपने निशां छोड़ गया
मेरे दिल के हर कोने में उसकी यादें छोड़ गया।"
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