Socha tha aaj tere siwa kuch aur sochu
Socha tha aaj tere siwa kuch aur sochu
अभी तक इस सोच में हूं की और क्या सोचूं"
"तहज़ीब के खिलाफ हुआ सच का बोलना
अब झूठ ज़िन्दगी के सलीक़े में आ गया।"
"रात है काफ़ी, ठंडी हवा चल रही है
याद में आपकी किसी की मुस्कान खिल रही है
उनके सपनो की दुनिया में आप खो जाओ
आँख करो बंद ओर आराम से सो जाओ"
Socha tha aaj tere siwa kuch aur sochu
"चले गये है दूर कुछ पल के लिए
मगर करीब है हर पल के लिए
कैसे भुलायेंगे आपको एक पल के लिए
जब हो चुका है प्यार उम्र भर के लिए"
"किसी को न पाने से
जिंदगी खत्म नहीं होती लेकिन
किसी को पाकर खो
देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता"