Love Shayari || Badi Ajeeb Si Bandish Hai Uski Mohabbat Mein

 Love Shayari || Badi Ajeeb Si Bandish Hai Uski Mohabbat Mein


Love Shayari || Badi Ajeeb Si Bandish Hai Uski Mohabbat Mein

 Love Shayari || Badi Ajeeb Si Bandish Hai Uski Mohabbat Mein


''बड़ी अजीब सी बंदिश है उसकी मोहब्बत में
न वो खुद क़ैद कर सके न हम आज़ाद हो सके।''

 Love Shayari || Badi Ajeeb Si Bandish Hai Uski Mohabbat Mein


''Badi Ajeeb Si Bandish Hai Uski Mohabbat Mein
Na Wo Khud Qaid Kar Sake Na Hum Azaad Ho Sake''

"उसकी मोहब्बत में कैद हैं हम इस कदर,
न वो हमें अपना बना सका, न हम खुद को छोड़ सके।"

"कैसी अजीब सी कैद है इस इश्क में,
न हम आजाद हो सके, न वो खुद को पा सके।"

"उसकी मोहब्बत की बंदिशों में बंधे हैं हम,
न वो हमें पा सका, न हम उसे खो सके।"

"इश्क की इस कैद से रिहाई न मिली,
न हम उसके हुए, न वो हमारा हो सका।"

"उसके प्यार की डोर से बंधे हैं हम,
न वो हमें छूटा सके, न हम खुद को आजाद कर सके।"

"मोहब्बत की इस अजीब बंदिश में हैं हम,
न वो हमें अपना बना सका, न हम उसे भुला सके।"

"वो मोहब्बत की कैद में इस कदर बंधे हैं,
न वो हमें छोड़ सके, न हम खुद को पा सके।"

"उसकी मोहब्बत में ऐसा उलझे हैं हम,
न वो हमें सुलझा सका, न हम खुद को।"

"उसकी बंदिशों में कुछ ऐसा खो गए हैं हम,
न वो हमें रोक सका, न हम खुद को छोड़ सके।"

"उसकी मोहब्बत में कैद हैं इस कदर,
न वो हमें पा सका, न हम उससे दूर हो सके।"