Love Shayari || Jab Khamosh Aankhon Se Baat Hoti Hai
Love Shayari || Jab Khamosh Aankhon Se Baat Hoti Hai
जब खामोश आँखों से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख्यालों में खोये रहते हैं
पता नहीं कब दिन और कब रात होती है।
Love Shayari || Jab Khamosh Aankhon Se Baat Hoti Hai
Jab Khamosh Aankhon Se Baat Hoti Hai.
Aise Hi Mohabbat Ki Shuruat Hoti Hai.
Tumhare Hi Khyalo Mein Khoye Rehte Hai.
Pata Nahi Kab Din Aur Kab Raat Hoti Hai.
"खामोशियों में भी अक्सर
बात होती है,
इश्क़ की ऐसी ही तो शुरुआत
होती है।"
"तेरी खामोश नजरों ने कहा
कुछ ऐसा,
कि दिल में एक मीठी सी
बात होती है।"
"जब लफ़्ज़ चुप हो जाते हैं और
आँखें बोलती हैं,
तब समझो मोहब्बत की
शुरुआत होती है।"
"तेरे ख्यालों में खोए रहते हैं
हम न जाने कब दिन ढलता है
और कब रात होती है।"
"खामोश लबों से भी होती है
मोहब्बत की बातें
बस उसे समझने के लिए
दिल चाहिए।"
"तेरी यादों में अक्सर हम खो जाते हैं
पता ही नहीं चलता कब दिन ढलती है
और कब रात होती है।"
"खामोश आँखों से जब प्यार का
इज़हार होता है
तब दिल को महसूस होती है
वो पहली शुरुआत।"
"तुम्हारे ख्यालों में यूं ही
खो जाते हैं हम
न दिन की खबर रहती है
न रात का पता चलता है।"
"मोहब्बत की राहों में अक्सर खामोशी
ही सच्चा इज़हार होती है
तब दिल की धड़कनों से मोहब्बत
की शुरुआत होती है।"
"तेरी खामोशियों
में भी प्यार की मिठास है
तुम्हारे ख्यालों
में ही तो हमारी हर रात है।"