Love Shayari || Bach Jaye Jawani Mein Jo Ishq Ki Hawa Se
Love Shayari || Bach Jaye Jawani Mein Jo Ishq Ki Hawa Se
बच जाए जवानी में जो इश्क की हवा से
होता है फ़रिश्ता कोई इंसान नहीं होता।
Love Shayari || Bach Jaye Jawani Mein Jo Ishq Ki Hawa Se
Bach Jaye Jawani Mein Jo Ishq Ki Hawa Se
Hota Hai Farishta Koi Insaan Nahi Hota
"जवानी की हवा में जो इश्क़ से बच जाए,
वो इंसान नहीं, शायद कोई फ़रिश्ता होगा।"
"इश्क़ की लहरों से जो खुद को बचा सके,
वो ज़िंदगी का सफर समझता है, इंसान नहीं होता।"
"जो जवानी की इश्क़ की आग में नहीं जलता,
वो किसी अदृश्य शक्ति का, इंसान नहीं होता।"
"इश्क़ की हवाओं से बचे रहना आसान नहीं,
जो बचे, वो इंसान नहीं, कोई और ही होता है।"
"जवानी के इश्क़ में जो न खो जाए,
वो आदमियत से भी परे, कोई फ़रिश्ता होता है।"
"इश्क़ की हवा में जो ठोकर न खाए,
वो इंसान नहीं, किसी और का हुस्न पाया।"
"जब जवानी की हवा में भी इश्क़ का साया होता है,
तब बचने वाला इंसान नहीं, खुदा का प्यारा होता है।"
"जो इश्क़ की लहरों से खुद को बचा ले,
वो सिर्फ़ इंसान नहीं, कोई और ही होता है।"
"जवानी के इश्क़ से बचना कोई आसान काम नहीं,
जो बच जाए, वो कोई फ़रिश्ता ही होगा।"
"इश्क़ की हवाओं में जो खुद को बचा ले,
वो किसी और का हक़दार, इंसान नहीं होता।"