Love Shayari || Intezar, Izhaar, Ibaadat Sab To Kiya Maine
Love Shayari || Intezar Izhaar Ibaadat Sab To Kiya Maine
''इंतजार, इज़हार, इबादत सब तो किया मैंने
और कैसे बताऊँ कि प्यार की गहराई क्या है''
Love Shayari || Intezar Izhaar Ibaadat Sab To Kiya Maine
''Intezar, Izhaar, Ibaadat Sab To Kiya Maine,
Aur Kaise Bataaun Ke Pyar Ki Gehrayi Kya Hai''
"इंतजार भी किया, इज़हार भी किया,
तेरी हर चाहत को मैंने खुदा से भी मांगा।"
"तेरे प्यार की गहराई को शब्दों में
कैसे बयां करूं
इंतजार भी किया, इज़हार भी किया
और इबादत भी की।"
"तुझसे इश्क़ को बस इबादत की
तरह निभाया है
इंतजार, इज़हार और हर जज़्बात
को खुदा माना है।"
"तेरे लिए इंतजार भी किया
और तुझे पाने की इबादत भी
इश्क़ की इस
गहराई को कैसे बयां करूं।"
"इज़हार किया मैंने हर आरज़ू बताई,
तेरी मोहब्बत
को इबादत की तरह निभाई।"
"तेरी मोहब्बत में इंतजार भी किया
और इबादत भी
कैसे बताऊँ
कि दिल ने तुझे कितना चाहा।"
"तेरे लिए प्यार को हर हद से गुजारा
इज़हार भी किया, इंतजार भी किया
और इबादत भी।"
"तेरे प्यार में किया सबकुछ मैंने
इंतजार, इज़हार और इबादत के
सिवा और क्या करूं।"
"तेरे लिए दिल में बसी एक चाहत है
इबादत की तरह निभाई है
मैंने हर मोहब्बत।"
"कैसे बताऊँ कि तुझे कितना चाहा है
इंतजार भी किया, इज़हार भी किया
और इबादत भी।"