wazir Quotes In Hindi || वजीर कोट्स इन हिंदी

wazir Quotes In Hindi || वजीर कोट्स इन हिंदी वजीर कोट्स इन हिंदी 

wazir Quotes In Hindi

शतरंज मैं वजीर मर जाये 
तो खेल खत्म और
जिंदगी मैं जमीर मर जाये 
तो किस्सा ही खत्म


सपनों को पानी देते रहिए जनाब
देखा है ना आपने 
प्यादों के वजीर बन जाने का सफ़र


शतरंजी वजीर तो पैदल 
फिर बन जाये
पर कोई खोया हुआ जमीर
 कहाँ से लाये


अपनी ताकत पर गुमां न कर ऐ वजीर
कभी कभी साधारण
 मोहरे भी मात दे दिया करते है


लाज़मी हो गया है इनका 
गुरूर तोड़ना
कुछ प्यादे खुद को वज़ीर 
समझ बैठे हैं


चाल सीधी चलना पसन्द करता हूँ
पर प्यादा नहीं हूँ शतरंज का
बस सही वक्त का इंतजार करता हूँ
फिर चाल भी तिरछी चलता हूँ
और मार भी गहरा करता हूँ


शतरंज राजा हो या वजीर
खेल के अंत मे एक ही डब्बे में जाना है
आदमी अमीर हो या गरीब
अंत मे खाली हाथ नश्वर होना है


महफूज सारे बादशाह वजीर और शाहज़ादे हैं
जो बेघर है इस तूफ़ां में वे महज़ प्यादे हैं

 तू ही तू 

किसी की जिंदगी को मोहरा नही
बल्कि वजीर बन महफूज़ कीजिये


एक प्यादा मर गया
समा सवालों से भर गया
ये वज़ीर क्या कर गया
क्या सबूतों से डर गया



जब कुछ न बचा पास तो
संभाल कर रख ली तन्हाई हमने
ये वो सल्तनत है
जिसके बादशाह भी हम
वजीर भी हम
और फ़कीर भी हम

"आगे निकलने की होड़ 
में सब नित्यदिन हैं नये नये प्यादे ढूँढते
पर उस सूची से 
मेरा नाम जरा तुम निकाल देना
क्योंकि यह नर बिन 
वजीर के भी खुश रहना जानता है"


"इंसान का जमीर 
और शतरंज का वजीर एक जैसा होता है
क्योंकि अगर दोनों मर गए तो खेल खत्म"


"मेरे मोत का षड्यंत्र उन्हें रचने दो
कुछ मोहरें बदलते हैं तो बदलने दो"

"वैसे तो प्यार के
 शमशीर से हररोज चिरते है मुझे
तो एक वजीर 
की चाल आज हमें भी चलने दो"


"थामें डोर अतीत की यादों का
जिये उनके हर झूठे वायदों का
उनके करतूतों को जिना अब छोड़ दे
जब वो रहे ही
 नहीं वजीर तुम जैसे प्यादों का"


"उनके इंकार को नसीहत समझो
हुजूर काबिल 
हो तो खुदको वजीर समझो"


"शतरंज में वजीर
और जिंदगी में जमीर
अगर मर जाए तो खेलने में
मजा बड़ा आता है"


"हम प्यादों की तरह लड़ते क्या रहे
वजीरों ने 
तो हमे मोहरा ही समझ लिया"


"मोहरे बदल दिये जाते है
जब बात वजिर कि आति है
घोंडा भी ढाई कदम पिछे रहता है
जब दिन वजिर का आता है"


"शतरंज में
 वजीर और जिंदगी में जमीर
अगर मर जाये
तो खेल खत्म समझिये"


"दुश्मनी के प्यादे 
बना रखे हैं इन प्यादो में हमें सजा रखे हैं
वो चलते हैं कोई चाल 
वजीर की तरह और हम शिकार हो जाया करते हैं"


"जिंदगी के शतरंज में जीना हो 
तो वजीर की तरh चाल चलो"



"मेरे लहज़े में 
जी हुज़ूर नहीं सिवा इसके कोई कसूर नहीं
आपका दोस्त अगर बेज़मीर
 हो जाता तो न जाने कबका वजीर हो जाता"


"शतरंज के खेल में हार का आरंभ-वजीर मर जाना
जिंदगी विनाश का आरंभ-इंसान का जमीर मर जाना "


"पहले वार किया उसने अपने शब्दों की शमशीर से
फ़िर घायल हुआ मैं उसके क़ातिल नज़रो के तीर से
उसके हिज़्र-ए-मोहब्बत में कुछ ऐसे हारता गया मैं
मेरा मुक़द्दर बनकर आई मैं उस हुस्न कि वजीर से"

"अब इश्क़ का चक्कर ऐसा हैं ज़नाब
जो ना लड़े तो महबूब ने तन्हा समझ लिया"


"सभी एक जैसा लिखते हैं
बस मतलब बदल जाते है
सरकार वैसे ही चलती है
बस वज़ीर-ए-आलम बदल जाते है"


"वजीर पर भी भारी पड़ सकता है जनाब
बस प्यादे की चाल अच्छी होनी चाहिए"


"महफ़ूज सारे बादशाह वजीर 
और शहजादे हैं
जो बेघर है इन हालातों में
 वो बस ये प्यादे हैं"


"लोहा तप और घिस के तीर बनता है
बड़े मुश्किल से मनुष्य शरीर मिलता है
चलना और लड़ना कभी मत छोड़ना
ध्यान रहे
 अक्सर प्यादा ही वज़ीर बनता है"


"ऐसे वैसे भी देखे हैं
कितने कैसे भी देखे हैं
मालिक तेरी कश्ती में
वजी़र ऐसे भी देखे हैं"


"वो बिक चुके थे जब तक हम अमीर हुए
इक ज़माना गुजर
 गया जब हम प्यादे से वजीर हुए"


"बेचे जिन्होंने जमीर वो तो अमीर हो गए
हक से फिरने वाले भी यहाँ वजीर हो गए
झूठ फरेब से भरी इस दुनिया जहान में  बस
ईमान पर चलने वाले ही फकीर हो गए"


"चन्द सिक्के क्या 
पड़े जेब में खुद को अमीर समझने लगा था
राजा  हूँ अब मालूम पड़ा चन्द 
गर्दिशों से मैं खुद को वजीर समझने लगा था"


"किसी ने पुछा 
किस्मत ओर काबिलियत मे क्या फर्क़ होता है
मैने कहा वही 
जो शतरंज मे वजीर ओर बादशाह का होता है"



"शतरंज में वजीर और जिदंगी में जमीर
अगर खत्म हो जाए तो खेल खत्म समझिए"



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