खोई हुई चीज़ याद न कर जो मिला है उसे बर्बाद न कर
खोई हुई चीज़ों की यादों में न खो,
जो मिला है, उसका सही इस्तेमाल करो।
गुज़री हुई बातें अब बेतुकी हैं,
वर्तमान को संजोओ, इसे बर्बाद न करो।
खोई हुई चीज़ों की तलब छोड़ दो,
जो हाथ में है, उसकी कीमत जानो।
गुज़रे हुए कल की चिंता में न डूबो,
वर्तमान की सम्पत्ति को न गंवाओ।
खोई चीज़ों की यादों में न उलझो,
जो अब पास है, उसकी कदर करो।
भूतकाल की तकलीफों से न जूझो,
वर्तमान को संवारो, इसे बर्बाद न करो।
खोई हुई चीज़ों पर पछताने से क्या फायदा,
जो अभी है, उसकी कद्र करना सिखो।
गुज़री हुई बातों से खुद को दूर रखो,
जो पाया है, उसे बर्बाद न करो।
खोई हुई चीज़ों की यादों को छोड़ दो,
जो आज आपके पास है, उसकी संजीवनी दो।
गुज़री हुई बातें अब पुरानी हैं,
जो पाया है, उसे बर्बाद न करो।
खोई हुई चीज़ों पर ध्यान न दो,
जो तुम्हारे पास है, उसे संजोओ।
भूतकाल की बातें अब खत्म हो चुकीं,
जो मिला है, उसे बर्बाद न करो।
खोई चीज़ों की यादों से चिपके न रहो,
जो आज पास है, उसकी अहमियत समझो।
गुज़री हुई बातें अब सच्चाई हैं,
जो पाया है, उसे संभालो, बर्बाद न करो।
खोई हुई चीज़ों पर अब मत रो,
जो वर्तमान में है, उसकी कदर करो।
भूतकाल की तकलीफों को अब भूल जाओ,
जो मिला है, उसे बर्बाद न करो।
खोई चीज़ों की यादों में न खोए रहो,
जो वर्तमान में है, उसे संजोओ।
गुज़रे दिनों के दर्द को अब भुलाओ,
जो पाया है, उसे बर्बाद न करो।
खोई हुई चीज़ों की कसरत छोड़ दो,
जो अभी आपके पास है, उसकी अहमियत समझो।
गुज़री हुई बातों की परवाह न करो,
जो मिला है, उसे बचाओ, बर्बाद न करो।