Pyar Ka Izhaar Shayari || Propose Shayari In Hindi || Pyar Ka Izhaar Shayari Image || Propose Lines In Hindi
मुहब्बत का कभी इज़हार करना ही नहीं आया
मेरी कश्ती को दरिया पार करना ही नहीं आया


दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है
झुकी निगाह को इकरार कहते है
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं
कुछ खोने को भी प्यार कहते है

मोहब्बत का मेरी इज़हार करे
कह दो तुम अपनी नजर से
ख़त लिखना था खुद मिलो
जब भी गुजरो तुम इधर से
Propose Shayari In Hindi

जब से तुमको देखा है
चारों ओर छाए हो तुम
हीं तुम अब बस यही तमन्ना है
सदा के लिए मेरे बन जाओ तुम
I Love You Very Much

प्यार में कैसे कोई सुधबुध खो देता
तुमको देखकर जाना हमने जब से इश्क हुआ
तब से खुदा से सिर्फ तुमको हीं माँगा हमने
I Love You My Dream Girl

तुम्हें चाहना मेरी कमजोरी है
तू मेरे लिए साँसों की तरह जरूरी है
I Love You.

सफर लम्बा था जिंदगी का
और तुम मिल गए भरी दुनिया में
मैं तन्हा था और तुम मिल गए

तुझसे मैं इज़हार -ए-मोहब्बत
इसलिए भी नहीं करता सुना है
बरसने के बाद बादल
की अहमियत नहीं रहती.

मेरी फितरत में नहीं अपने ग़म का
इज़हार करनाअगर उसके वजूद का
हिस्सा हूँ मैं
तो खुद महसूस करे वो तकलीफ मेरी
Pyar Ka Izhaar Shayari

ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती
दुनिया और मरता हूँ
तो मरने नहीं देती दुनिया

जब से बसे हो निगाहों में नजर कुछ
और आता हीं नहीं दीवानगी का आलम
तो देखिए तुझ बिन रहा जाता नहीं
I Love You.

कुछ दूर मेरे साथ चलो हम सारी कहानी कह देंगे
समझो न तुम जिसे आँखों से
वो बात मुँह जुबानी कह देंगे
आई लव यू माय लव

इश्क़ वही है जो हो एक तरफा
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो
ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है

बाहर के शोर की किसको परवाह है
मुझे तो तुम्हारी खामोशी से भी प्यार है
चाहे तो जुबान से कुछ कहे या न कहें
मुझे हासिल ऐ सनम तेरा अनकहा इजहार है ।

बाते तो कर लेता हूं थोड़ी बहुत हर किसी से मै
लेकिन इजहार नही कर पाता हूं
कि कहीं फिर से टूटकर बिखर न जाऊं कभी इस डर से
किसी से प्यार नही कर पाता हूं ।

मेरे सामने वो प्यार – ए – इजहार करते है ,
पीठ पीछे वो बाते हजार करते है , वही कह पाते की चाहते नही हमे ,
हर बार बस यही झूठा प्यार करते है ।
Pyar Ka Izhaar Shayari Image

मैने कब कहा , की तुमसे प्यार नही करता ,
हां ये बात सच है ,
की तुमसे इजहार नही करता ।

नही जरूरत किसी गुलब की और
ना ही शब्दो का इस्तेमाल करो
झुका कर पलको से इजहार करो
मोहब्बत का तुम कुछ ऐसे इकरार करो

सुनो
मै न चुपके से इजहार कर दूंगा किसी बहाने से
तुम न अपना वक्त जाया मत करना
मुझे आजमाने मे ।

मेरा दिल आसमाँ, उसमें बसा चाँद हो तुम तुमको क्या पता
कब से मेरी जान हो तुम. I Love You.

आँखों का काजल
जुल्फों का गजरा बना लिया खुश्बू की
तरह हमने तुमको दिल में बसा लिया
I Love You

तेरे हर गम को अपना बना लूँ
आजा तुझे अपनी पलकों में छिपा लूँ
I Love You

चलो इश्क के दरिया में डूब जाएं तुम तुम न रहो
मैं मैं न रहूँ, हम दोनों अब एक हो जाएं
आज रोकिये न हमे अपनी दिल का बात करने से
कितना सारा करते है प्यार ये इजहार करने से
आज दिल में जो उठा हैं तूफान व रूकेगा तब
जब आप लगाएंगे हमे कसके अपनी सीने से ।
इजहार – ए – इश्क का , अन्दाज ही निराला था
तुम्हे जो मुझसे , रब ने मिलाया था
तेरे इन्कार का सवाल ही न था
मैने जो तुम्हे अपना बनाया था ।
सब इजहार करने लगे है
हम इंतजार करने मे लगे है , ये कैसी मोहब्बत है
हम उनका दीदार पाने को भी तरसने लगे है ।
वो ख्वाबो मे आते रहे मिलने
हम घर पहुंच गये इजहार करने ।
वक्त ही कितना लगता है इजहार – ए – मोहब्बत मे
पर जनाब जिंदगी बीत जाती है निभाने मे ।
ना तुमने इजहार किया ना मैने इकरार किया
गिरफ्तए इश्क मे अंजामे मोहब्बत मुक्करर हो ही गया ।
आस टूटने का भय लिए बैठे है विचार में
बड़े असमंजस मे है चाहत के इजहार में ।
उनके इनकार में भी इजहार नजर आता है
तभी तो घाव देने के बाद भी मरहम लगा रहे है ।
इश्क का इल्म तो इश्कजादो को होता है जनाब
हम तो इजहार ए इश्क भी ना कर पाए ।
इश्क वही है जो हो एक तरफा हो
इजहार-ए-इश्क तो ख्वाहिश बन जाती है
अगर मोहब्बत तो आंखो में पढ़ लो
जुबान से इजहार तो नुमाइश बन जाती है ।
मोहब्बत का मेरी इजहार करे
कह दो तुम अपनी नजर से , खत लिखना था
खुद मिलो जब भी गुजरो तुम इधर से
आंखो में इंतजार और कुछ नमी है
जिन्दगी में प्यार और तेरी कमी है ।
वो कहती है
अगर मोहब्बत तो इजहार करो
हर बात लफ्जो से बयां हो
ये जरूरी तो नही ।
काश वह आये इश्क का इजहार करने
मेरी कब्र पे इक दिन
मै भी एक और जिन्दगी की दुआ मांगू
उनपे कुर्बान होने के लिए ।
आंखें ये तब भी रोती है
जब अपनी मोहब्बत को इजहार करता हूं
आंखें ये तब भी रोती है
जब तेरी मोहब्बत को इन्कार करता हूं
हमने तो उसे अपनी चाहत बताई भी थी
पर अफसोस, उसे मैं पसंद नहीं
देख लीजिये आप
हम को अपनी इस नजर से
रुके हुए है हम आपके इंतजार में
ज़ुबां पर इजहार- ए - प्यार का जवाब लिए
कोई जब हमसे प्यार करता है
नहीं क्यूँ फिर इजहार करता है
फिर भी कोशिश बार बार करता है
जब भी पूँछो बस इन्कार करता है
बिन कुछ कहे
तु सब समझ जाए
मोहब्बत का इजहार
कुछ इस तरह भी हो जाए
अब हम इज़हार कैसे करें यारों उनसे
जो इश्क़ के महीने में हमसे खफ़ा हुए बैठे है
मिले वक्त तो याद करना
कुछ पल अपना मेरे नाम करना
जेहन में छुपे समस्याओं को हल कर दूंगा
बस समस्याओं का खुलकर इजहार करना
झुकी हुई नजरों से इजहार-ऐ-इश्क हो रहा था
कैसे बचाते दिल को जब कातिल से ही इश्क हो रहा था