Love Shayari || Kisi Se Pyar Karo Aur Tajurba Kar Lo
Love Shayari || Kisi Se Pyar Karo Aur Tajurba Kar Lo
''Kisi Se Pyar Karo Aur Tajurba Kar Lo
Ye Aisa Rog Hai Jismein Dawa Nahi Lagti''
Love Shayari || Kisi Se Pyar Karo Aur Tajurba Kar Lo
''किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती।''
इश्क़ में डूबकर हमने ये जाना है,
दिल का दर्द ही सबसे बड़ा अफ़साना है।
कोई दवा नहीं है इस रोग की,
जिसे लगा वो इसे ही अपना फ़साना है।
मोहब्बत का सफर भी अजीब होता है,
हर दर्द से गहरा ये नसीब होता है।
दिल लगाओगे तो तजुर्बा कर लो,
इसकी आग में कोई भी सुकून नहीं होता है।
दिल को लगाकर देखो किसी के प्यार में,
इस दर्द का कोई इलाज नहीं संसार में।
ये वो रोग है जो हर दिल को तड़पाएगा,
फिर भी हर कोई इसे अपना मानेगा।
मोहब्बत का जुनून जब सिर पर चढ़ता है,
दिल से चैन और आँखों से नींद छीनता है।
इस रोग की कोई दवा नहीं होती,
फिर भी हर कोई इसे जी भरकर चाहता है।
इश्क़ में जो जलते हैं, वो समझते हैं,
इस दर्द की गहराई को जो सहते हैं।
दिल का ये रोग कोई मामूली नहीं,
इसकी दवा न किसी डॉक्टर के पास मिलती है।
प्यार के इस दरिया में जो डूबता है,
वो बस इसी में अपना वजूद पाता है।
दिल की ये हालत कोई समझ नहीं सकता,
इस रोग की कोई दवा नहीं होती है।
मोहब्बत के इस खेल में जो हारा,
उसके लिए कोई भी नहीं है सहारा।
दिल के इस दर्द का कोई इलाज नहीं,
फिर भी हर दिल इसे पाने को बेक़रार है।
इश्क़ की ये राहें इतनी आसान नहीं,
इसमें जो चला वो कभी भी लौट न सका।
दिल के इस रोग की कोई दवा नहीं होती,
बस इसकी आग में जलते रहना होता है।
दिल की ये हालत किसी से कह न सके,
इश्क़ का ये दर्द किसी से सह न सके।
ये वो रोग है जो किसी से कहा न जाए,
और इस दर्द की कोई दवा भी न मिले।
मोहब्बत का ये अंजाम भी क्या खूब है,
दिल में दर्द और आँखों में नमी छुपी हुई है।
इस रोग की कोई दवा नहीं है,
फिर भी दिल इसे बार-बार क्यों चाह रहा है।