Love Shayari || Dawaa Na Kaam Aayi, Kaam Aayi Na Duaa Koi
Love Shayari || Dawaa Na Kaam Aayi, Kaam Aayi Na Duaa Koi
''Dawaa Na Kaam Aayi, Kaam Aayi Na Duaa Koi,
Mareej-e-Ishq The Aakhir Hakeemon Se Shikayat Kya''
Love Shayari || Dawaa Na Kaam Aayi, Kaam Aayi Na Duaa Koi
''दवा न काम आयी, काम आयी न दुआ कोई,
मरीजे-इश्क थे आखिर हकीमों से शिकायत क्या।''
"दवा न काम आयी, दुआ भी बेअसर रही,
मरीजे-इश्क थे, हकीमों से शिकायत किसे थी।"
"दवा ने भी काम न किया, दुआ भी न असरदार रही,
इश्क के मरीज़ थे, हकीमों से शिकायत किसे थी।"
"दवा और दुआ दोनों ने भी काम न किया,
मरीजे-इश्क थे, हकीमों से क्या उम्मीद थी।"
"दवा और दुआ दोनों ही बेकार साबित हुईं,
इश्क के मरीज़ थे, हकीमों से क्या शिकायत थी।"
"दवा ने न काम किया, दुआ भी खाली गई,
मरीजे-इश्क थे, हकीमों से शिकायत कैसी थी।"
"दवा और दुआ दोनों ने भी काम न किया,
इश्क की बीमारी थी, हकीमों से क्या गिला था।"
"दवा न असरदार रही, दुआ भी बेअसर हो गई,
मरीजे-इश्क थे, हकीमों से शिकायत थी कैसी।"
"दवा और दुआ दोनों का असर न हुआ,
मरीजे-इश्क थे, हकीमों से क्या फर्ज़ था।"
"दवा न चली, दुआ भी बेअसर रही,
इश्क के मरीज़ थे, हकीमों से क्या शिकायत थी।"
"दवा और दुआ दोनों ने भी न दी राहत,
मरीजे-इश्क थे, हकीमों से शिकायत का कोई मतलब नहीं।"