Hair Quotes In Hindi || बालों पर शायरी

Hair Quotes In Hindi ||  बालों पर शायरी


"Hair Quotes In Hindi"

"हम से अपने पैर की पायल 
तारी ना गई
सब हुआ हम से मगर ज़ुल्फें 
सँवारी ना गई"


"दो इज़ाज़त हमें तुम्हारे और
 करीब आने की
तेरे बिखरे ज़ुल्फ़ों में खो जाने 
की तमन्ना है"


"चाँद को आज बादलों ने 
छुपाया है लगता है
आज फिर तेरी जुल्फों ने चेहरे 
पर पहरा लगाया है"



"महक रही हैं हवायें उसके गली की
लगता है आज वो
 बाल बिखेर कर कॉलेज गयी है'


"संवारती है वो उलझे गेसूओं को
 इतने प्यार से
शायद दर्द को उसने काफी करीब
 से समझा है"


"चल रही है ठंडी पवन
ना जाने किस 
ओर मेरी ज़ुल्फ़ें उड़ रही है"



"हम जैसे तैसे अपने दिल 
को संभाल पाते है।
और तब तक वो फिर बाल 
खोलकर आ जाते है"



"ये काजल ये सूरमा ये होंठों की लाली
ये पायल ये बिन्दी ये कानों की बाली
वो कायल है मेरे बिखरे बालों का
मैं क्या करूं इन बाज़ारु सामानों की"



"एक अलग सी खुशबू होती थी 
उसके बालों में
जो सिर्फ मुझे ही महसूस होती थी"



यार
तुम अपने बालों को
यूँ बाँधा ना करो
अगर बाँधो तो फ़िर
यूँ खोला ना करो
और जो उन्हें खोल देती हो
तो फ़िर मुझे प्यार करने से
यूँ रोका ना करो।



"जुल्फों को गिरा के पलखो को झुकाना
अपनी इसी अदा का हम को गुरूर नहीं ।
इनका खुला रह के हम को सताना ये हम को मंजूर नहीं 
करते है ये हवा से इश्क़
पर इन का इश्क़ हम को सताये ये हमको मंजूर नहीं"



"देख कर आइना वो सवरने लगे
जाने कितने ही दिल मचलने लगे
उसको पाने की दिल में तमन्ना हुई
ख्वाब बिस्तर पे करवट बदलने लगे"


"खुले बालो की अब चोटी बनाना सीख गयी
नज़रें मिलाकर अब मुस्कुराना सीख गयी 
पहले तो शरमाकर नज़रें मिलाया करती थी
अब नज़रें मिलाकर शरमाना सीख गयी"


"कुछ लफ़्ज़ लिखना तो चाहता हु
 तेरे खयालों पर 
पर मैं खुद उलझ गया हूँ
तेरे उलझे हुए बालो पर"


कभी वो उलझते
तो कभी उनको सुलझाते सुलझाते 
तुम उलझ जाती
और तुम्हारी इसी उलझन सुलझन में
मुझे तुमसे और प्यार हो जाता


मेरी ज़िंदगी कुछ हो गई है
मेरी ज़ुल्फ की तरह
मै सुलझाती जा रही हूं
ये उलझती जा रही 



"मैं सवार दु इसलिए
वो अपने जुल्फों 
को उलझा कर रखती थी
कुछ यूं भी
वो अपना इज़हार-ऐ-मोहब्बत
 बयां करती थी"


"अभी तेरी जुल्फ़ों के अँधेरे से बचकर
 निकला ही था
कि कम्बख्त तेरी आँखो ने 
शिकार बना लिया"


"ये रेशमी जुल्फ़े या कहे उल्फ़ते
आराम से संवारा करो
ये मदहोश करने की दवाई है
जरा आराम से तो पिलाया करो"


"चूम कर तेरी पेशानी मेरी 
रूह मचल जाए
तू यही चाहता था न की मेरा 
दम निकल जाए"



"तेरा ख्याल है या शब्दों को जाल है
जो तू आ जाती ह महफ़िल में
 बाल खोले हुए
तो लगती बवाल है।"


"जुल्फें खोल के गुजरती हूं तेरे सामने
तू उलझाता जो है इन्हें अपनी नजर से
लिखती हूं हर शब्द में तुझको
तू पढ़ता जो है इन्हें अपना समझ के।"


"तेरी बाल झटकने की अदा पे 
प्यार आ जाता है
चाहता कि तुझे रोज देखूं
कमबख्त इतवार आ जाता है"



"बाल भी इंसानों से कम है क्या
दोमुंहे निकलते ही जा रहें हैं"



"कैसे उतारते पैरों की 
पायल को तुम 
तुमसे हाथों की मेहंदी 
संभाली ना गई"



"मुन्तज़िर था कि निसार होने
 की घड़ी आए
तुमने जुल्फों में जगह देके 
फ़ना कर दिया।"



"ये जो तुम्हारी खुली जुल्फों की बलखाती लटायें हैं
किसी सूखाग्रस्त ज़मीं पे घुमड़ते बादलों की घटाएं हैं 
ख़्वाब है कि एक बार खेलूँ इन बादलनुमा जुल्फों से
अफसोस कि ख़्वाब कब किसी के पूरे हो पाए हैं"


जी करता है तेरी ज़ुल्फ़ों की खुशबू को 
एक बोतल मे निचोढ़ लूँ
शायद तुझे इसकी कीमत का अंदाज़ा नहीं है |


"अपनी ये जुल्फें थोड़ी संभाल के रखा
 करो मोहतरमा
ये घनी उलझी हुई आपकी जुल्फें कई 
यो को घायल करके
उनको उलझाती रहती हैं"


"यह ठंडी हवा बालो को कुछ इस 
कदर लहराती हैं
मानो जैसे
माँ हमारे बालो को चंपी करते 
समय सहलाती हैं"


"यूँ तेरा बालों का लेहरना
यूँ तेरा बालों का सुलझाना
याद है मुझे 
मेरी आँखों का तरस जाना
तूझे यूँ न देख पाना"


"सियासत आदमी के तालुकात खराब कर देती है
जब यह पीछे पड़ती है मामलात खराब कर देती है
ऐसे मुद्दों पे हमे उलझा के वकील साहब
राजनीत लोगो के हालात खराब कर देती है"

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