भरोसा कांच की तरह होता है, एक बार टूट जाए तो, चेहरे अलग अलग दिखाई देने लगता है।
भरोसा कांच की तरह होता है
एक बार टूट जाए
तो सब कुछ अलग नजर आने लगता है।
भरोसा कांच जैसा होता है
टूटने पर सब
कुछ नया और अलग दिखता है।
भरोसा तो जैसे कांच होता है
टूटने के बाद हर
चीज़ का चेहरा बदल जाता है।
भरोसा कांच की तरह नाजुक होता है
एक बार टूटने पर
सब कुछ अलग नजर आता है।
भरोसा भी कांच के टुकड़ों जैसा होता है
टूटने पर चेहरे भी
अलग-अलग दिखने लगते हैं।
भरोसा कांच की तरह होता है
एक बार टूट जाए
तो हर चीज़ की छवि बदल जाती है।
भरोसा कांच के टुकड़े की
तरह होता है
टूटने पर सबकी तस्वीर
बदल जाती है।
भरोसा कांच के जैसे होता है,
टूटने के बाद हर
कोई नया नजर आता है।
भरोसा का टूटना कांच के टूटने
जैसा होता है
फिर सब कुछ अलग और
असली नहीं लगता।
भरोसा कांच
की तरह एक बार टूट जाए
तो सभी चीज़ें और
चेहरे अलग-अलग नजर आने लगते हैं।