Love Shayari || Mujhe Malum Hai Mere Muqaddar Mein Tum Nahi Lekin
Love Shayari || Mujhe Malum Hai Mere Muqaddar Mein Tum Nahi Lekin
''Mujhe Malum Hai Mere Muqaddar Mein Tum Nahi Lekin,
Meri Taqdeer Se Chhup Kar Ek Baar Mere Ho Jaao''
Love Shayari || Mujhe Malum Hai Mere Muqaddar Mein Tum Nahi Lekin
''मुझे मालूम है मेरे मुकद्दर में तुम नहीं लेकिन
मेरी तक़दीर से छुप कर एक बार मेरे हो जाओ।''
"मुझे मालूम है मेरे मुकद्दर में तुम नहीं हो,
फिर भी मेरी तक़दीर से छुप कर एक बार मेरे हो जाओ।"
"मेरे मुकद्दर में तुम्हारा नाम नहीं लिखा,
फिर भी एक बार तक़दीर से छुप कर मेरे हो जाओ।"
"मुझे पता है कि मेरे मुकद्दर में तुम्हारा साथ नहीं,
फिर भी एक बार छुप कर तक़दीर से मेरे हो जाओ।"
"मुझे मालूम है मेरे मुकद्दर में तुम नहीं हो,
फिर भी तक़दीर से छुप कर एक बार मेरे दिल में बस जाओ।"
"मुझे मालूम है कि तुम मेरे मुकद्दर में नहीं हो,
फिर भी एक बार तक़दीर से छुप कर मेरे पास आ जाओ।"
"मुझे पता है, मेरे मुकद्दर में तुम्हारा कोई ठौर नहीं,
फिर भी तक़दीर से छुप कर मेरे दिल का हिस्सा बन जाओ।"
"मेरे मुकद्दर में तुम्हारा नाम नहीं है,
फिर भी एक बार तक़दीर से छुप कर मेरे ख्वाबों में रह जाओ।"
"मुझे मालूम है, मेरी तक़दीर में तुम नहीं हो,
फिर भी एक बार छुप कर मेरे दिल में समा जाओ।"
"मुझे पता है, तुम्हारा होना मेरे मुकद्दर में नहीं,
फिर भी तक़दीर से छुप कर मेरे प्यार को अपना बना लो।"
"मुझे मालूम है कि मेरे मुकद्दर में तुम्हारी जगह नहीं,
फिर भी एक बार तक़दीर से छुप कर मेरे साथ चल जाओ।"