शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status || Motivationalquotes1.com
शराब शायरी-5
शराब शायरी-9
शराब शायरी-13
शराब शायरी-19
शराब शायरी-24
शराब शायरी-30
शराब शायरी-54
जनाब ये ज़िन्दगी के तजुर्बे
शराब शायरी-64
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
शराब शायरी-1
मिलावट है तेरे इश्क में
इत्र और शराब की
कभी हम महक जाते हैं
कभी हम बहक जाते हैं
शराब शायरी-3
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़'
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए
शराब शायरी-5
आये कुछ अब्र कुछ शराब आये
उसके बाद आये तो अज़ाब आये
शराब शायरी-7
बाम-इ-मिन्हा से महताब उतरे
दस्त-ए-साक़ी में आफ़ताब आये
शराब शायरी-9
आमाल मुझे अपने उस वक़्त नज़र आए
जिस वक़्त मेरा बेटा घर पी के शराब आया
शराब शायरी-11
ख़ुद अपनी मस्ती है जिस ने मचाई है हलचल
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल
शराब शायरी-13
गिरी मिली एक बोतल शराब की तो ऐसा लगा मुझे
जैसे बिखरा पड़ा हो सुकून किसी के एक रात का
शराब शायरी-15
शराब के भी अनेक रंग हैं साक़ी
कोई पीता है आबाद होकर
तो कोई पीता है बर्बाद होकर
शराब शायरी-17
अगले वक्तों हैं ये लोग इन्हें कुछ न कहो
जो मय वो नगमें को अनदोहे रूबा कहते हैं
शराब शायरी-19
देना वो उसका सागर व मय याद है निजाम
मुह फेर कर उधर को इधर को बढा के हाथ
शराब शायरी-21
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
पियूँ शराब अगर ख़ुम भी देख लूँ दो चार
ये शीशा-ओ-क़दह-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है
शराब शायरी-23
होकर ख़राब-ए-मय तेरे ग़म तो भुला दिये
लेकिन ग़म-ए-हयात का दरमाँ न कर सके
शराब शायरी-24
रूह किस मस्त की प्यासी गयी मयखाने से
मय उड़ी जाती है साक़ी तेरे पैमाने से
शराब शायरी-26
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए
तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की
शराब शायरी-28
नशा-ए-मय से कभी प्यास बुझी है दिल की
तश्नगी और बढ़ा लाए खराबात से हम
शराब शायरी-30
बस एक इतनी वजह है मेरे न पीने की
शराब है वही साक़ी मगर गिलास नहीं
शराब शायरी-32
आये कुछ अब्र कुछ शराब आये,
उसके बाद आये तो अज़ाब आये,
बाम-इ-मिन्हा से महताब उतरे,
दस्त-ए-साक़ी में आफ़ताब आये
शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूं
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया
शराब शायरी-34
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना
ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना
मय-ख़ाना-ए-हस्ती में मय-कश वही मय-कश है
सँभले तो बहक जाए बहके तो सँभल जाए
शराब शायरी-36
अब तो ज़ाहिद भी ये कहता है बड़ी चूक हुई
जाम में थी मय-ए-कौसर मुझे मालूम न था
पहले सागर से तो छलके मय-ए-गुलफाम का रंग
सुबह के रंग में ढल जाएगा खुद शाम का रंग
शराब शायरी-38
टूटे हुए पैमाने बेकार सही लेकिन
मय-ख़ाने से ऐ साक़ी बाहर तो न फेंका कर
मय-ख़ाना सलामत है तो हम सुर्ख़ी-मय से
तज़ईन-ए-दर-ओ-बाम-ए-हरम करते रहेंगे
शराब शायरी-40
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
तुम्हें जो सोचें तो होता है कैफ़ सा तारी
तुम्हारा ज़िक्र भी जामे-शराब जैसा है
नशा-ए-मय से कभी प्यास बुझी है दिल की
तश्नगी और बढ़ा लाए खराबात से हम
शराब शायरी-42
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं
सागरे-चश्म से हम बादापरस्त
मय-ए-दीदार पिया करते हैं
शराब शायरी-44
मिले तो बिछड़े हुए मय-कदे के दर पे मिले
न आज चाँद ही डूबे न आज रात ढले
तेरी क़िस्मत ही में ज़ाहिद मय नहीं
शुक्र तो मजबूरियों का नाम है
शराब शायरी-46
साबित हुआ है गर्दन-ए-मीना पे ख़ून-ए-ख़ल्क़
लरज़े है मौज-ए-मय तेरी रफ़्तार देख कर
तमाम रातें गुजर गयीं मयखाने में पीते-पीते
मगर अफ़सोस
न बोतल ख़त्म हुयी
न किस्सा ख़त्म हुआ
और न ही तेरे दर्द का वो हिस्सा ख़त्म हुआ।
शराब शायरी-48
मेरे इत्तक़ा का बाइस
तु है मेरी नातवानी
जो में तौबा तोड़ सकता
तो शराब ख़ार होता
अमीर मीनाई
रात हम पिए हुए थे मगर
आप की आँखें भी शराबी थीं
फिर हमारे खराब होने में
आप ही कहिये क्या खराबी थी
शराब शायरी-50
मेरे इत्तक़ा का बाइस
तु है मेरी नातवानी
जो में तौबा तोड़ सकता
तो शराब ख़ार होता
शराब शायरी-52
पहले तुझ से प्यार करते थे
अब शराब से प्यार करते हैं
लोग जिंदगी में आये और चले गए
लेकिन शराब ने कभी धोखा नहीं दिया.
शराब शायरी-54
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर 'जलील'
बादल का रंग देख के नीयत बदल गई
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी
शराब शायरी-56
के आज तो शराब ने भी अपना रंग दिखा दिया
दो दुश्मनो को गले से लगवा दोस्त बनवा दिया
एक घूँट शराब की जो मैंने लबों से लगायी
तो आया समझ कि इससे भी कड़वी है तेरी सच्चाई
शराब शायरी-58
यूँ तौहीन न किजिये
शराब को कड़वा कह कर
जनाब ये ज़िन्दगी के तजुर्बे
शराब से भी कड़वे होते हैं
शराब शायरी-60
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
सोच था कुछ और, लेकिन हुआ कुछ और
इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर
हर जाम पी गया मैं ऐ दर्दे-जिंदगानी
फिर भी बड़ा तरसा हूं, कुछ और शराब दे दो
चार लाइन शराब पर शायरी का संग्रह
शराब शायरी-62
अब क्या बताऊँ तुझको कि
तेरे जाने के बाद इस दिल पर क्या-क्या बीती है
अब तो हम शराब को और शराब हमको पीती है
प्यार और शराब में छोटा सा फर्क हैं
लेकिन ये फर्क बहुत बड़ा हैं
शराब शायरी-64
प्यार दर्द देता हैं
शराब दर्द भुला देता हैं
मदहोश हम हरदम रहा करते हैं
और इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं
शराब शायरी-66
कसूर शराब का नहीं उनका है यारों
जिनका चेहरा हम हर जाम में
तलाश किया करते हैं
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं
शराब शायरी-68
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं
पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये
शराब शायरी-70
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये
इश्क़-ऐ-बेवफ़ाई ने डाल दी है आदत बुरी
मैं भी शरीफ हुआ करता था इस ज़माने में
शराब शायरी-72
पहले दिन शुरू करता था मस्जिद में नमाज़ से
अब ढलती है शाम शराब के साथ मैखाने में
शराब शायरी || Shayari On Sharab || Sharab Status
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