Ramdhari Singh Dinkar Quotes in Hindi || रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार

Ramdhari Singh Dinkar Quotes in Hindi ||  रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार 




 आज़ादी रोटी नहीं
मगर दोनों में कोई बैर नहीं
पर कहीं भूख बेताब हुई
तो आज़ादी की खैर नहीं


आरती लिए तू किसे ढूंढता है मूरख
मन्दिरों, राजप्रासादों में, तहखानों में
देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे
देवता मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में


कलमें लगाना जानते हो
तो ज़रूर लगाओ
मगर ऐसी, कि फलों में
अपनी मिट्टी का स्वाद रहे


जब नाश मनुज पर छाता है
पहले विवेक मर जाता है

Ramdhari Singh Dinkar Quotes in Hindi || रामधारी सिंह दिनकर के अनमोल विचार 


थी सभा सन्न, सब लोग डरे
चुप थे या थे बेहोश पड़े
केवल दो नर ना अघाते थे
धृतराष्ट्र-विदुर सुख पाते थे

समर शेष है
नहीं पाप का भागी केवल व्याघ्र
जो तटस्थ हैं
समय लिखेगा उनका भी अपराध 

क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो

दो न्याय अगर तो आधा दो
पर, इसमें भी यदि बाधा हो
तो दे दो केवल पाँच ग्राम
रक्खो अपनी धरती तमाम

जाति-जाति रटते
जिनकी
पूंजी केवल पाखण्ड


साहित्य और दर्शन के महल में इतिहास की
 हैसियत किराएदार की होती है.

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