The more you believe in fate, the more it will disappoint; the more you put emphasis on karma, the more hope it gives.
"भाग्य पर जितना ज्यादा यकीन करोगे
वह उतना ही निराश करेगा कर्म पर
जितना ज्यादा जोर दोगे वह उतना ही उम्मीद देगा"
वह उतना ही निराश करेगा कर्म पर
जितना ज्यादा जोर दोगे वह उतना ही उम्मीद देगा"