Insaniyat Quotes in Hindi, Humanity Quotes, Status, Shayari, Poetry,
Insaniyat Quotes in Hindi
ऊपर वाले तेरे से एक विनती हैं
इंसान को बनाते समय
अपना ध्यान कहीं और मत लगाना।
पुतलों में "इंसानियत" का SOFTWARE
Upload होने से पहले
पृथ्वी पर आने मत देना।
Insaniyat Quotes in Hindi
संक्रमण के चक्कर में
कोई खाली पेट सो जाएगा ।
उसे सपने आएंगे
के मेरा भोजन कहां से आएगा
Insaniyat Quotes in Hindi
रोटी का एक टुकड़ा देंदे
या पानी दो बूंद सही ।
राम भी खुश होगा तब
अल्लाह भी दिया जलायेगा।
Insaniyat Quotes in Hindi
ऊपरवाले तेरे से कोई शिकवा नहीं होता
अगर जिंदगी में एक बार
मजहब के झण्डों की जगह,
इंसानियत का झण्डा लहराता देख लेता।
Insaniyat Quotes in Hindi
दिल कैसे बने 'हाज़ी' क़ुर्बत में 'करबला'
जब खामियाज़े में हो 'ख़ामी' का ज़लज़ला
इंसानियत कभी नहीं मरती
मानव के अंदर का वो इंसान ही मर जाता हैं
जो इंसानियत को कायम रखता हैं।
Insaniyat Quotes in Hindi
कभी अनजान नहीं बना मैं
पर दुनिया को ज्यादा जान नहीं पाया मैं।
पढ़ा तो मैंने भी बहुत कुछ था,
ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया मैं।
"इंसानियत" का पुजारी था मैं,
इंसानों को परख नहीं पाया मैं।
अफसोस तो इसी बात का हैं,
इंसानों को परख नहीं पाया मैं।।
Insaniyat Quotes in Hindi, Humanity Quotes, Status, Shayari, Poetry
न हम अच्छे न तुम अच्छे रहा कोई न अब अच्छा
मगर अच्छा रहे हम-तुम अगर अच्छाइयाँ सीखें
Insaniyat Quotes in Hindi
ढलते सूरज-सा ढलता हूँ।
मैं ठोंकर-ठोंकर चलता हूँ।
मेरे गाँव भुलाए थे मैंने
ये शहर बनाए थे मैंने
पर आज इन्हीं शहरों से मैं
बेहाल बहुत निकलता हूँ।
मैं ठोंकर -ठोंकर चलता हूँ।।
मेरी बात करोगे एक - आधी
तुम शेर लिखोगे दो - चारी
तुम जानो क्या किस हाल में हूँ
किस आग में पग-पग जलता हूँ।
मैं ठोंकर -ठोंकर चलता हूँ।।
Insaniyat Quotes in Hindi
"दौलत की चमक ये तेरी बीनाई न लूटे
गुज़रे जो मुद्दई कोई तो दरगुज़र न हो।"
बेदिली को चलो दिलों से निकाला जाए
फिर किसी ख़ाब को पलकों में संभाला जाए
कितनी मुर्दादिल हो गई है ज़िन्दगी सबकी
नातवानों की दिल में फ़िक्र को डाला जाए।
आओ अपनी ज़रूरतों को मुख़तसर कर लें
कोई रूखा सही पर उन तक निवाला जाए।
आग नफ़रत की झोपड़ों को जला डालेगी
रख मोहब्बत की शमा दिल तक उजाला जाए।
बन गए हैं क्या पलके हिंदू और मुसलमाँ हम!
अब से बच्चों में सिर्फ़ इंसाँ को ही पाला जाए।
आसमाँ में भी इक सुराख़ हो ही जाएगा
बारहा पत्थर तबीयत से उछाला जाए।
Insaniyat Quotes in Hindi, Humanity Quotes, Status, Shayari, Poetry
"दिनों से बात लब पे है के अब वो बोल दी जाए
पड़ी नफ़रत की ये बेड़ी दिलों से खोल दी जाए
लहू कुछ गर्म है उनका के उनकी ज़ात ऊँची है
लहू में आओ अब सबके मुहब्बत घोल दी जाए।
कई ऐसे हैं दुनिया में जो दुनिया के सताए हैं
इनायत ऐसे लोगों को ग़मों के मोल दी जाए।
नमाज़ों से कहीं प्यारी है ख़िदमत-ख़ल्क़ मौला को
अगर दिल के तराज़ू में इबादत तोल दी जाए।"
"घृणा में प्रेम के योग से
घृणा घट जाती है
जबकि
घृणा में घृणा का योग
घृणा का गुणनफल होता है
अतः मानवता के गणित में
सर्वजन से मुक्त मन से
प्रेम करना ही श्रेष्ठतम
समीकरण है
"अच्छा है ओ हवा!
जो तेरा कोई मज़हब नहीं है
तेरा भी गर मज़हब होता
कितनों का दम तो यूँ ही घुट गया होता।"
बरसती हुई यह बारिश भी
अगर मानने लगती जातियों को
न जाने कौन-कौन फिर
प्यासा ही मर गया होता।
कितने परिंदों के घोंसले
उजड़ते रोज़-दर-रोज़
जो इन दरख़्तों ने अपना धर्म
हम-तुम - सा चुन लिया होता।
नहीं हैं सरहदें तो छाया हुआ है वो
बँटा होता तो आसमाँ
ज़मीं पर बिखर गया होता।