खोखली बन जाती है ज़िदंगी, ना जाने क्यूँ मतलब के लिए मेहरबान होते हैँ लोग.!!

खोखली बन जाती है ज़िदंगी, ना जाने क्यूँ मतलब के लिए मेहरबान होते हैँ लोग

खोखली बन जाती है ज़िदंगी, ना जाने क्यूँ मतलब के लिए मेहरबान होते हैँ लोग.!!

"खोखली बन जाती है ज़िदंगी
 ना जाने क्यूँ मतलब 
के लिए मेहरबान होते हैँ लोग"